Surat Saad (The letter Saad) - ص
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38:63 أَتَّخَذْنَٰهُمْ سِخْرِيًّا أَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ ٱلْأَبْصَٰرُ ﴿٦٣﴾ क्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) ऑंखे पलट गयी हैं | ||
38:63 أَتَّخَذْنَٰهُمْ سِخْرِيًّا أَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ ٱلْأَبْصَٰرُ ﴿٦٣﴾ क्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) ऑंखे पलट गयी हैं | ||