Surat Az-Zumar (The Groups) - الزمر
Home > > >
39:6 خَلَقَكُم مِّن نَّفْسٍ وَٰحِدَةٍ ثُمَّ جَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا وَأَنزَلَ لَكُم مِّنَ ٱلْأَنْعَٰمِ ثَمَٰنِيَةَ أَزْوَٰجٍ يَخْلُقُكُمْ فِى بُطُونِ أُمَّهَٰتِكُمْ خَلْقًا مِّنۢ بَعْدِ خَلْقٍ فِى ظُلُمَٰتٍ ثَلَٰثٍ ذَٰلِكُمُ ٱللَّهُ رَبُّكُمْ لَهُ ٱلْمُلْكُ لَآ إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ فَأَنَّىٰ تُصْرَفُونَ ﴿٦﴾ उसी ने तुम सबको एक ही शख्स से पैदा किया फिर उस (की बाक़ी मिट्टी) से उसकी बीबी (हौव्वा) को पैदा किया और उसी ने तुम्हारे लिए आठ क़िस्म के चारपाए पैदा किए वही तुमको तुम्हारी माँओं के पेट में एक क़िस्म की पैदाइश के बाद दूसरी क़िस्म (नुत्फे जमा हुआ खून लोथड़ा) की पैदाइश से तेहरे तेहरे अंधेरों (पेट) रहम और झिल्ली में पैदा करता है वही अल्लाह तुम्हारा परवरदिगार है उसी की बादशाही है उसके सिवा माबूद नहीं तो तुम लोग कहाँ फिरे जाते हो | ||