Surat An-Nisaa (The Women) - النساء
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4:145 إِنَّ ٱلْمُنَٰفِقِينَ فِى ٱلدَّرْكِ ٱلْأَسْفَلِ مِنَ ٱلنَّارِ وَلَن تَجِدَ لَهُمْ نَصِيرًا ﴿١٤٥﴾ إِلَّا ٱلَّذِينَ تَابُوا۟ وَأَصْلَحُوا۟ وَٱعْتَصَمُوا۟ بِٱللَّهِ وَأَخْلَصُوا۟ دِينَهُمْ لِلَّهِ فَأُو۟لَٰٓئِكَ مَعَ ٱلْمُؤْمِنِينَ وَسَوْفَ يُؤْتِ ٱللَّهُ ٱلْمُؤْمِنِينَ أَجْرًا عَظِيمًا﴿١٤٦﴾ इसमें तो शक ही नहीं कि मुनाफ़िक जहन्नुम के सबसे नीचे तबके में होंगे और (ऐ रसूल) तुम वहॉ किसी को उनका हिमायती भी न पाओगे मगर (हॉ) जिन लोगों ने (निफ़ाक़ से) तौबा कर ली और अपनी हालत दुरूस्त कर ली और ख़ुदा से लगे लिपटे रहे और अपने दीन को महज़ ख़ुदा के वास्ते निरा खरा कर लिया तो ये लोग मोमिनीन के साथ (बेहिश्त में) होंगे और मोमिनीन को ख़ुदा अनक़रीब ही बड़ा (अच्छा) बदला अता फ़रमाएगा | ||