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BackSurat An-Nisaa (The Women) - النساء

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4:37

ٱلَّذِينَ يَبْخَلُونَ وَيَأْمُرُونَ ٱلنَّاسَ بِٱلْبُخْلِ وَيَكْتُمُونَ مَآ ءَاتَىٰهُمُ ٱللَّهُ مِن فَضْلِهِۦ وَأَعْتَدْنَا لِلْكَٰفِرِينَ عَذَابًا مُّهِينًا ﴿٣٧﴾ وَٱلَّذِينَ يُنفِقُونَ أَمْوَٰلَهُمْ رِئَآءَ ٱلنَّاسِ وَلَا يُؤْمِنُونَ بِٱللَّهِ وَلَا بِٱلْيَوْمِ ٱلْءَاخِرِ وَمَن يَكُنِ ٱلشَّيْطَٰنُ لَهُۥ قَرِينًا فَسَآءَ قَرِينًا﴿٣٨﴾ وَمَاذَا عَلَيْهِمْ لَوْ ءَامَنُوا۟ بِٱللَّهِ وَٱلْيَوْمِ ٱلْءَاخِرِ وَأَنفَقُوا۟ مِمَّا رَزَقَهُمُ ٱللَّهُ وَكَانَ ٱللَّهُ بِهِمْ عَلِيمًا﴿٣٩﴾

ये वह लोग हैं जो ख़ुद तो बुख्ल करते ही हैं और लोगों को भी बुख्ल का हुक्म देते हैं और जो माल ख़ुदा ने अपने फ़ज़ल व (करम) से उन्हें दिया है उसे छिपाते हैं और हमने तो कुफ़राने नेअमत करने वालों के वास्ते सख्त ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है और जो लोग महज़ लोगों को दिखाने के वास्ते अपने माल ख़र्च करते हैं और न खुदा ही पर ईमान रखते हैं और न रोजे आख़ेरत पर ख़ुदा भी उनके साथ नहीं क्योंकि उनका साथी तो शैतान है और जिसका साथी शैतान हो तो क्या ही बुरा साथी है अगर ये लोग ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान लाते और जो कुछ ख़ुदा ने उन्हें दिया है उसमें से राहे ख़ुदा में ख़र्च करते तो उन पर क्या आफ़त आ जाती और ख़ुदा तो उनसे ख़ूब वाक़िफ़ है

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