Surat An-Nisaa (The Women) - النساء
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4:7 لِّلرِّجَالِ نَصِيبٌ مِّمَّا تَرَكَ ٱلْوَٰلِدَانِ وَٱلْأَقْرَبُونَ وَلِلنِّسَآءِ نَصِيبٌ مِّمَّا تَرَكَ ٱلْوَٰلِدَانِ وَٱلْأَقْرَبُونَ مِمَّا قَلَّ مِنْهُ أَوْ كَثُرَ نَصِيبًا مَّفْرُوضًا ﴿٧﴾ وَإِذَا حَضَرَ ٱلْقِسْمَةَ أُو۟لُوا۟ ٱلْقُرْبَىٰ وَٱلْيَتَٰمَىٰ وَٱلْمَسَٰكِينُ فَٱرْزُقُوهُم مِّنْهُ وَقُولُوا۟ لَهُمْ قَوْلًا مَّعْرُوفًا﴿٨﴾ मॉ बाप और क़राबतदारों के तर्के में कुछ हिस्सा ख़ास मर्दों का है और उसी तरह माँ बाब और क़राबतदारो के तरके में कुछ हिस्सा ख़ास औरतों का भी है ख्वाह तर्क कम हो या ज्यादा (हर शख्स का) हिस्सा (हमारी तरफ़ से) मुक़र्रर किया हुआ है और जब (तर्क की) तक़सीम के वक्त (वह) क़राबतदार (जिनका कोई हिस्सा नहीं) और यतीम बच्चे और मोहताज लोग आ जाएं तो उन्हे भी कुछ उसमें से दे दो और उसे अच्छी तरह (उनवाने शाइस्ता से) बात करो | ||