Surat An-Nisaa (The Women) - النساء
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4:72 وَإِنَّ مِنكُمْ لَمَن لَّيُبَطِّئَنَّ فَإِنْ أَصَٰبَتْكُم مُّصِيبَةٌ قَالَ قَدْ أَنْعَمَ ٱللَّهُ عَلَىَّ إِذْ لَمْ أَكُن مَّعَهُمْ شَهِيدًا ﴿٧٢﴾ وَلَئِنْ أَصَٰبَكُمْ فَضْلٌ مِّنَ ٱللَّهِ لَيَقُولَنَّ كَأَن لَّمْ تَكُنۢ بَيْنَكُمْ وَبَيْنَهُۥ مَوَدَّةٌ يَٰلَيْتَنِى كُنتُ مَعَهُمْ فَأَفُوزَ فَوْزًا عَظِيمًا﴿٧٣﴾ और तुममें से बाज़ ऐसे भी हैं जो (जेहाद से) ज़रूर पीछे रहेंगे फिर अगर इत्तेफ़ाक़न तुमपर कोई मुसीबत आ पड़ी तो कहने लगे ख़ुदा ने हमपर बड़ा फ़ज़ल किया कि उनमें (मुसलमानों) के साथ मौजूद न हुआ और अगर तुमपर ख़ुदा ने फ़ज़ल किया (और दुश्मन पर ग़ालिब आए) तो इस तरह अजनबी बनके कि गोया तुममें उसमें कभी मोहब्बत ही न थी यूं कहने लगा कि ऐ काश उनके साथ होता तो मैं भी बड़ी कामयाबी हासिल करता | ||