Surat An-Nisaa (The Women) - النساء
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4:99 فَأُو۟لَٰٓئِكَ عَسَى ٱللَّهُ أَن يَعْفُوَ عَنْهُمْ وَكَانَ ٱللَّهُ عَفُوًّا غَفُورًا ﴿٩٩﴾ وَمَن يُهَاجِرْ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ يَجِدْ فِى ٱلْأَرْضِ مُرَٰغَمًا كَثِيرًا وَسَعَةً وَمَن يَخْرُجْ مِنۢ بَيْتِهِۦ مُهَاجِرًا إِلَى ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ ثُمَّ يُدْرِكْهُ ٱلْمَوْتُ فَقَدْ وَقَعَ أَجْرُهُۥ عَلَى ٱللَّهِ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورًا رَّحِيمًا﴿١٠٠﴾ तो उम्मीद है कि ख़ुदा ऐसे लोगों से दरगुज़रे और ख़ुदा तो बड़ा माफ़ करने वाला और बख्शने वाला है और जो शख्स ख़ुदा की राह में हिजरत करेगा तो वह रूए ज़मीन में बा फ़राग़त (चैन से रहने सहने के) बहुत से कुशादा मक़ाम पाएगा और जो शख्स अपने घर से जिलावतन होके ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ़ निकल ख़ड़ा हुआ फिर उसे (मंज़िले मक़सूद) तक पहुंचने से पहले मौत आ जाए तो ख़ुदा पर उसका सवाब लाज़िम हो गया और ख़ुदा तो बड़ा बख्श ने वाला मेहरबान है ही | ||