Surat Al-Ghaafir (The Forgiver) - غافر
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40:36 وَقَالَ فِرْعَوْنُ يَٰهَٰمَٰنُ ٱبْنِ لِى صَرْحًا لَّعَلِّىٓ أَبْلُغُ ٱلْأَسْبَٰبَ ﴿٣٦﴾ أَسْبَٰبَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ فَأَطَّلِعَ إِلَىٰٓ إِلَٰهِ مُوسَىٰ وَإِنِّى لَأَظُنُّهُۥ كَٰذِبًا وَكَذَٰلِكَ زُيِّنَ لِفِرْعَوْنَ سُوٓءُ عَمَلِهِۦ وَصُدَّ عَنِ ٱلسَّبِيلِ وَمَا كَيْدُ فِرْعَوْنَ إِلَّا فِى تَبَابٍ﴿٣٧﴾ और फिरऔन ने कहा ऐ हामान हमारे लिए एक महल बनवा दे ताकि (उस पर चढ़ कर) रसतों पर पहुँच जाऊ (यानि) आसमानों के रसतों पर फिर मूसा के ख़ुदा को झांक कर (देख) लूँ और मैं तो उसे यक़ीनी झूठा समझता हूँ, और इसी तरह फिरऔन की बदकिरदारयाँ उसको भली करके दिखा दी गयीं थीं और वह राहे रास्ता से रोक दिया गया था, और फिरऔन की तद्बीर तो बस बिल्कुल ग़ारत गुल ही थीं | ||