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BackSurat Al-Ghaafir (The Forgiver) - غافر

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40:44

فَسَتَذْكُرُونَ مَآ أَقُولُ لَكُمْ وَأُفَوِّضُ أَمْرِىٓ إِلَى ٱللَّهِ إِنَّ ٱللَّهَ بَصِيرٌۢ بِٱلْعِبَادِ ﴿٤٤﴾ فَوَقَىٰهُ ٱللَّهُ سَيِّـَٔاتِ مَا مَكَرُوا۟ وَحَاقَ بِـَٔالِ فِرْعَوْنَ سُوٓءُ ٱلْعَذَابِ﴿٤٥﴾ ٱلنَّارُ يُعْرَضُونَ عَلَيْهَا غُدُوًّا وَعَشِيًّا وَيَوْمَ تَقُومُ ٱلسَّاعَةُ أَدْخِلُوٓا۟ ءَالَ فِرْعَوْنَ أَشَدَّ ٱلْعَذَابِ﴿٤٦﴾

तो जो मैं तुमसे कहता हूँ अनक़रीब ही उसे याद करोगे और मैं तो अपना काम ख़ुदा ही को सौंपे देता हूँ कुछ शक नहीं की ख़ुदा बन्दों ( के हाल ) को ख़ूब देख रहा है तो ख़ुदा ने उसे उनकी तद्बीरों की बुराई से महफूज़ रखा और फिरऔनियों को बड़े अज़ाब ने ( हर तरफ ) से घेर लिया और अब तो कब्र में दोज़ख़ की आग है कि वह लोग (हर) सुबह व शाम उसके सामने ला खड़े किए जाते हैं और जिस दिन क़यामत बरपा होगी (हुक्म होगा) फिरऔन के लोगों को सख्त से सख्त अज़ाब में झोंक दो

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