Surat Fussilat (Explained in detail) - فصلت
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41:28 ذَٰلِكَ جَزَآءُ أَعْدَآءِ ٱللَّهِ ٱلنَّارُ لَهُمْ فِيهَا دَارُ ٱلْخُلْدِ جَزَآءًۢ بِمَا كَانُوا۟ بِـَٔايَٰتِنَا يَجْحَدُونَ ﴿٢٨﴾ ख़ुदा के दुशमनों का बदला है कि वह जो हमरी आयतों से इन्कार करते थे उसकी सज़ा में उनके लिए उसमें हमेशा (रहने) का घर है, | ||