Surat Fussilat (Explained in detail) - فصلت
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41:3 كِتَٰبٌ فُصِّلَتْ ءَايَٰتُهُۥ قُرْءَانًا عَرَبِيًّا لِّقَوْمٍ يَعْلَمُونَ ﴿٣﴾ जिसकी आयतें समझदार लोगें के वास्ते तफ़सील से बयान कर दी गयीं हैं | ||
41:3 كِتَٰبٌ فُصِّلَتْ ءَايَٰتُهُۥ قُرْءَانًا عَرَبِيًّا لِّقَوْمٍ يَعْلَمُونَ ﴿٣﴾ जिसकी आयतें समझदार लोगें के वास्ते तफ़सील से बयान कर दी गयीं हैं | ||