Surat Ash-Shura (Consultation) - الشورى
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42:40 وَجَزَٰٓؤُا۟ سَيِّئَةٍ سَيِّئَةٌ مِّثْلُهَا فَمَنْ عَفَا وَأَصْلَحَ فَأَجْرُهُۥ عَلَى ٱللَّهِ إِنَّهُۥ لَا يُحِبُّ ٱلظَّٰلِمِينَ ﴿٤٠﴾ और बुराई का बदला तो वैसी ही बुराई है उस पर भी जो शख्स माफ कर दे और (मामले की) इसलाह कर दें तो इसका सवाब ख़ुदा के ज़िम्मे है बेशक वह ज़ुल्म करने वालों को पसन्द नहीं करता | ||