Surat Ash-Shura (Consultation) - الشورى
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42:45 وَتَرَىٰهُمْ يُعْرَضُونَ عَلَيْهَا خَٰشِعِينَ مِنَ ٱلذُّلِّ يَنظُرُونَ مِن طَرْفٍ خَفِىٍّ وَقَالَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِنَّ ٱلْخَٰسِرِينَ ٱلَّذِينَ خَسِرُوٓا۟ أَنفُسَهُمْ وَأَهْلِيهِمْ يَوْمَ ٱلْقِيَٰمَةِ أَلَآ إِنَّ ٱلظَّٰلِمِينَ فِى عَذَابٍ مُّقِيمٍ ﴿٤٥﴾ और तुम उनको देखोगे कि दोज़ख़ के सामने लाए गये हैं (और) ज़िल्लत के मारे कटे जाते हैं (और) कनक्खियों से देखे जाते हैं और मोमिनीन कहेंगे कि हकीक़त में वही बड़े घाटे में हैं जिन्होने क़यामत के दिन अपने आप को और अपने घर वालों को ख़सारे में डाला देखो ज़ुल्म करने वाले दाएमी अज़ाब में रहेंगे | ||