Surat Az-Zukhruf (Ornaments of gold) - الزخرف
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43:22 بَلْ قَالُوٓا۟ إِنَّا وَجَدْنَآ ءَابَآءَنَا عَلَىٰٓ أُمَّةٍ وَإِنَّا عَلَىٰٓ ءَاثَٰرِهِم مُّهْتَدُونَ ﴿٢٢﴾ وَكَذَٰلِكَ مَآ أَرْسَلْنَا مِن قَبْلِكَ فِى قَرْيَةٍ مِّن نَّذِيرٍ إِلَّا قَالَ مُتْرَفُوهَآ إِنَّا وَجَدْنَآ ءَابَآءَنَا عَلَىٰٓ أُمَّةٍ وَإِنَّا عَلَىٰٓ ءَاثَٰرِهِم مُّقْتَدُونَ﴿٢٣﴾ बल्कि ये लोग तो ये कहते हैं कि हमने अपने बाप दादाओं को एक तरीके पर पाया और हम उनको क़दम ब क़दम ठीक रास्ते पर चले जा रहें हैं और (ऐ रसूल) इसी तरह हमने तुमसे पहले किसी बस्ती में कोई डराने वाला (पैग़म्बर) नहीं भेजा मगर वहाँ के ख़ुशहाल लोगों ने यही कहा कि हमने अपने बाप दादाओं को एक तरीके पर पाया, और हम यक़ीनी उनके क़दम ब क़दम चले जा रहे हैं | ||