Surat Az-Zukhruf (Ornaments of gold) - الزخرف
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43:52 أَمْ أَنَا۠ خَيْرٌ مِّنْ هَٰذَا ٱلَّذِى هُوَ مَهِينٌ وَلَا يَكَادُ يُبِينُ ﴿٥٢﴾ या (सूझता है कि) मैं इस शख़्श (मूसा) से जो एक ज़लील आदमी है और (हकले पन की वजह से) साफ़ गुफ्तगू भी नहीं कर सकता | ||