Surat Az-Zukhruf (Ornaments of gold) - الزخرف
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43:53 فَلَوْلَآ أُلْقِىَ عَلَيْهِ أَسْوِرَةٌ مِّن ذَهَبٍ أَوْ جَآءَ مَعَهُ ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ مُقْتَرِنِينَ ﴿٥٣﴾ कहीं बहुत बेहतर हूँ (अगर ये बेहतर है तो इसके लिए सोने के कंगन) (ख़ुदा के हॉ से) क्यों नहीं उतारे गये या उसके साथ फ़रिश्ते जमा होकर आते | ||