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BackSurat Az-Zukhruf (Ornaments of gold) - الزخرف

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43:56

فَجَعَلْنَٰهُمْ سَلَفًا وَمَثَلًا لِّلْءَاخِرِينَ ﴿٥٦﴾ وَلَمَّا ضُرِبَ ٱبْنُ مَرْيَمَ مَثَلًا إِذَا قَوْمُكَ مِنْهُ يَصِدُّونَ﴿٥٧﴾ وَقَالُوٓا۟ ءَأَٰلِهَتُنَا خَيْرٌ أَمْ هُوَ مَا ضَرَبُوهُ لَكَ إِلَّا جَدَلًۢا بَلْ هُمْ قَوْمٌ خَصِمُونَ﴿٥٨﴾ إِنْ هُوَ إِلَّا عَبْدٌ أَنْعَمْنَا عَلَيْهِ وَجَعَلْنَٰهُ مَثَلًا لِّبَنِىٓ إِسْرَٰٓءِيلَ﴿٥٩﴾ وَلَوْ نَشَآءُ لَجَعَلْنَا مِنكُم مَّلَٰٓئِكَةً فِى ٱلْأَرْضِ يَخْلُفُونَ﴿٦٠﴾ وَإِنَّهُۥ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَةِ فَلَا تَمْتَرُنَّ بِهَا وَٱتَّبِعُونِ هَٰذَا صِرَٰطٌ مُّسْتَقِيمٌ﴿٦١﴾ وَلَا يَصُدَّنَّكُمُ ٱلشَّيْطَٰنُ إِنَّهُۥ لَكُمْ عَدُوٌّ مُّبِينٌ﴿٦٢﴾ وَلَمَّا جَآءَ عِيسَىٰ بِٱلْبَيِّنَٰتِ قَالَ قَدْ جِئْتُكُم بِٱلْحِكْمَةِ وَلِأُبَيِّنَ لَكُم بَعْضَ ٱلَّذِى تَخْتَلِفُونَ فِيهِ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ﴿٦٣﴾ إِنَّ ٱللَّهَ هُوَ رَبِّى وَرَبُّكُمْ فَٱعْبُدُوهُ هَٰذَا صِرَٰطٌ مُّسْتَقِيمٌ﴿٦٤﴾ فَٱخْتَلَفَ ٱلْأَحْزَابُ مِنۢ بَيْنِهِمْ فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ ظَلَمُوا۟ مِنْ عَذَابِ يَوْمٍ أَلِيمٍ﴿٦٥﴾

फिर हमने उनको गया गुज़रा और पिछलों के वास्ते इबरत बना दिया और(ऐ रसूल) जब मरियम के बेटे (ईसा) की मिसाल बयान की गयी तो उससे तुम्हारी क़ौम के लोग खिलखिला कर हंसने लगे और बोल उठे कि भला हमारे माबूद अच्छे हैं या वह (ईसा) उन लोगों ने जो ईसा की मिसाल तुमसे बयान की है तो सिर्फ झगड़ने को बल्कि (हक़ तो यह है कि) ये लोग हैं झगड़ालू ईसा तो बस हमारे एक बन्दे थे जिन पर हमने एहसान किया (नबी बनाया और मौजिज़े दिये) और उनको हमने बनी इसराईल के लिए (अपनी कुदरत का) नमूना बनाया और अगर हम चाहते तो तुम ही लोगों में से (किसी को) फ़रिश्ते बना देते जो तुम्हारी जगह ज़मीन में रहते और वह तो यक़ीनन क़यामत की एक रौशन दलील है तुम लोग इसमें हरगिज़ यक़ न करो और मेरी पैरवी करो यही सीधा रास्ता है और (कहीं) शैतान तुम लोगों को (इससे) रोक न दे वही यक़ीनन तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है और जब ईसा वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आये तो (लोगों से) कहा मैं तुम्हारे पास दानाई (की किताब) लेकर आया हूँ ताकि बाज़ बातें जिन में तुम लोग एख्तेलाफ करते थे तुमको साफ-साफ बता दूँ तो तुम लोग ख़ुदा से डरो और मेरा कहा मानो बेशक ख़ुदा ही मेरा और तुम्हार परवरदिगार है तो उसी की इबादत करो यही सीधा रास्ता है तो इनमें से कई फिरक़े उनसे एख्तेलाफ करने लगे तो जिन लोगों ने ज़ुल्म किया उन पर दर्दनांक दिन के अज़ब से अफ़सोस है

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