Surat Ad-Dukhaan (The Smoke) - الدخان
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44:27 وَنَعْمَةٍ كَانُوا۟ فِيهَا فَٰكِهِينَ ﴿٢٧﴾ كَذَٰلِكَ وَأَوْرَثْنَٰهَا قَوْمًا ءَاخَرِينَ﴿٢٨﴾ فَمَا بَكَتْ عَلَيْهِمُ ٱلسَّمَآءُ وَٱلْأَرْضُ وَمَا كَانُوا۟ مُنظَرِينَ﴿٢٩﴾ وَلَقَدْ نَجَّيْنَا بَنِىٓ إِسْرَٰٓءِيلَ مِنَ ٱلْعَذَابِ ٱلْمُهِينِ﴿٣٠﴾ مِن فِرْعَوْنَ إِنَّهُۥ كَانَ عَالِيًا مِّنَ ٱلْمُسْرِفِينَ﴿٣١﴾ وَلَقَدِ ٱخْتَرْنَٰهُمْ عَلَىٰ عِلْمٍ عَلَى ٱلْعَٰلَمِينَ﴿٣٢﴾ وَءَاتَيْنَٰهُم مِّنَ ٱلْءَايَٰتِ مَا فِيهِ بَلَٰٓؤٌا۟ مُّبِينٌ﴿٣٣﴾ إِنَّ هَٰٓؤُلَآءِ لَيَقُولُونَ﴿٣٤﴾ إِنْ هِىَ إِلَّا مَوْتَتُنَا ٱلْأُولَىٰ وَمَا نَحْنُ بِمُنشَرِينَ﴿٣٥﴾ فَأْتُوا۟ بِـَٔابَآئِنَآ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ﴿٣٦﴾ जिनमें वह ऐश और चैन किया करते थे छोड़ गये यूँ ही हुआ और उन तमाम चीज़ों का दूसरे लोगों को मालिक बना दिया तो उन लोगों पर आसमान व ज़मीन को भी रोना न आया और न उन्हें मोहलत ही दी गयी और हमने बनी इसराईल को ज़िल्लत के अज़ाब से फिरऔन (के पन्जे) से नजात दी वह बेशक सरकश और हद से बाहर निकल गया था और हमने बनी इसराईल को समझ बूझ कर सारे जहॉन से बरगुज़ीदा किया था और हमने उनको ऐसी निशानियाँ दी थीं जिनमें (उनकी) सरीही आज़माइश थी ये (कुफ्फ़ारे मक्का) (मुसलमानों से) कहते हैं कि हमें तो सिर्फ एक बार मरना है और फिर हम दोबारा (ज़िन्दा करके) उठाए न जाएँगे तो अगर तुम सच्चे हो तो हमारे बाप दादाओं को (ज़िन्दा करके) ले आओ | ||