Surat Al-Jaathiya (Crouching) - الجاثية
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45:7 وَيْلٌ لِّكُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ ﴿٧﴾ يَسْمَعُ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ تُتْلَىٰ عَلَيْهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَأَن لَّمْ يَسْمَعْهَا فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ﴿٨﴾ जिस पर ये लोग ईमान लाएंगे हर झूठे गुनाहगार पर अफसोस है कि ख़ुदा की आयतें उसके सामने पढ़ी जाती हैं और वह सुनता भी है फिर ग़ुरूर से (कुफ़्र पर) अड़ा रहता है गोया उसने उन आयतों को सुना ही नहीं तो (ऐ रसूल) तुम उसे दर्दनाक अज़ाब की ख़ुशख़बरी दे दो | ||