Surat Al-Fath (The Victory) - الفتح
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48:18 لَّقَدْ رَضِىَ ٱللَّهُ عَنِ ٱلْمُؤْمِنِينَ إِذْ يُبَايِعُونَكَ تَحْتَ ٱلشَّجَرَةِ فَعَلِمَ مَا فِى قُلُوبِهِمْ فَأَنزَلَ ٱلسَّكِينَةَ عَلَيْهِمْ وَأَثَٰبَهُمْ فَتْحًا قَرِيبًا ﴿١٨﴾ وَمَغَانِمَ كَثِيرَةً يَأْخُذُونَهَا وَكَانَ ٱللَّهُ عَزِيزًا حَكِيمًا﴿١٩﴾ जिस वक्त मोमिनीन तुमसे दरख्त के नीचे (लड़ने मरने) की बैयत कर रहे थे तो ख़ुदा उनसे इस (बात पर) ज़रूर ख़ुश हुआ ग़रज़ जो कुछ उनके दिलों में था ख़ुदा ने उसे देख लिया फिर उन पर तस्सली नाज़िल फरमाई और उन्हें उसके एवज़ में बहुत जल्द फ़तेह इनायत की और (इसके अलावा) बहुत सी ग़नीमतें (भी) जो उन्होने हासिल की (अता फरमाई) और ख़ुदा तो ग़ालिब (और) हिकमत वाला है | ||