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BackSurat Al-Fath (The Victory) - الفتح

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48:2

لِّيَغْفِرَ لَكَ ٱللَّهُ مَا تَقَدَّمَ مِن ذَنۢبِكَ وَمَا تَأَخَّرَ وَيُتِمَّ نِعْمَتَهُۥ عَلَيْكَ وَيَهْدِيَكَ صِرَٰطًا مُّسْتَقِيمًا ﴿٢﴾

ताकि ख़ुदा तुम्हारी उम्मत के अगले और पिछले गुनाह माफ़ कर दे और तुम पर अपनी नेअमत पूरी करे और तुम्हें सीधी राह पर साबित क़दम रखे

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