Surat Al-Hujuraat (The Inner Apartments) - الحجرات
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49:4 إِنَّ ٱلَّذِينَ يُنَادُونَكَ مِن وَرَآءِ ٱلْحُجُرَٰتِ أَكْثَرُهُمْ لَا يَعْقِلُونَ ﴿٤﴾ وَلَوْ أَنَّهُمْ صَبَرُوا۟ حَتَّىٰ تَخْرُجَ إِلَيْهِمْ لَكَانَ خَيْرًا لَّهُمْ وَٱللَّهُ غَفُورٌ رَّحِيمٌ﴿٥﴾ (ऐ रसूल) जो लोग तुमको हुजरों के बाहर से आवाज़ देते हैं उनमें के अक्सर बे अक्ल हैं और अगर ये लोग इतना ताम्मुल करते कि तुम ख़ुद निकल कर उनके पास आ जाते (तब बात करते) तो ये उनके लिए बेहतर था और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है | ||