Surat Al-Maaida (The Table) - المائدة
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5:77 قُلْ يَٰٓأَهْلَ ٱلْكِتَٰبِ لَا تَغْلُوا۟ فِى دِينِكُمْ غَيْرَ ٱلْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعُوٓا۟ أَهْوَآءَ قَوْمٍ قَدْ ضَلُّوا۟ مِن قَبْلُ وَأَضَلُّوا۟ كَثِيرًا وَضَلُّوا۟ عَن سَوَآءِ ٱلسَّبِيلِ ﴿٧٧﴾ ऐ रसूल तुम कह दो कि ऐ अहले किताब तुम अपने दीन में नाहक़ ज्यादती न करो और न उन लोगों (अपने बुज़ुगों) की नफ़सियानी ख्वाहिशों पर चलो जो पहले ख़ुद ही गुमराह हो चुके और (अपने साथ और भी) बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा और राहे रास्त से (दूर) भटक गए | ||