Surat Qaaf (The letter Qaaf) - ق
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50:3 أَءِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا ذَٰلِكَ رَجْعٌۢ بَعِيدٌ ﴿٣﴾ भला जब हम मर जाएँगे और (सड़ गल कर) मिटटी हो जाएँगे तो फिर ये दोबार ज़िन्दा होना (अक्ल से) बईद (बात है) | ||
50:3 أَءِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا ذَٰلِكَ رَجْعٌۢ بَعِيدٌ ﴿٣﴾ भला जब हम मर जाएँगे और (सड़ गल कर) मिटटी हो जाएँगे तो फिर ये दोबार ज़िन्दा होना (अक्ल से) बईद (बात है) | ||