Surat Adh-Dhaariyat (The Winnowing Winds) - الذاريات
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51:38 وَفِى مُوسَىٰٓ إِذْ أَرْسَلْنَٰهُ إِلَىٰ فِرْعَوْنَ بِسُلْطَٰنٍ مُّبِينٍ ﴿٣٨﴾ فَتَوَلَّىٰ بِرُكْنِهِۦ وَقَالَ سَٰحِرٌ أَوْ مَجْنُونٌ﴿٣٩﴾ فَأَخَذْنَٰهُ وَجُنُودَهُۥ فَنَبَذْنَٰهُمْ فِى ٱلْيَمِّ وَهُوَ مُلِيمٌ﴿٤٠﴾ जब हमने उनको फिरऔन के पास खुला हुआ मौजिज़ा देकर भेजा तो उसने अपने लशकर के बिरते पर मुँह मोड़ लिया और कहने लगा ये तो (अच्छा ख़ासा) जादूगर या सौदाई है तो हमने उसको और उसके लशकर को ले डाला फिर उन सबको दरिया में पटक दिया | ||