Surat At-Tur (The Mount) - الطور
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52:15 أَفَسِحْرٌ هَٰذَآ أَمْ أَنتُمْ لَا تُبْصِرُونَ ﴿١٥﴾ तो क्या ये जादू है या तुमको नज़र ही नहीं आता | ||
52:15 أَفَسِحْرٌ هَٰذَآ أَمْ أَنتُمْ لَا تُبْصِرُونَ ﴿١٥﴾ तो क्या ये जादू है या तुमको नज़र ही नहीं आता | ||