Surat Al-Qamar (The Moon) - القمر
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54:11 فَفَتَحْنَآ أَبْوَٰبَ ٱلسَّمَآءِ بِمَآءٍ مُّنْهَمِرٍ ﴿١١﴾ وَفَجَّرْنَا ٱلْأَرْضَ عُيُونًا فَٱلْتَقَى ٱلْمَآءُ عَلَىٰٓ أَمْرٍ قَدْ قُدِرَ﴿١٢﴾ तो अब तू ही (इनसे) बदला ले तो हमने मूसलाधार पानी से आसमान के दरवाज़े खोल दिए और ज़मीन से चश्में जारी कर दिए, तो एक काम के लिए जो मुक़र्रर हो चुका था (दोनों) पानी मिलकर एक हो गया | ||