Surat Ar-Rahmaan (The Beneficent) - الرحمن
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55:65 فَبِأَىِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٥﴾ तो तुम दोनों अपने सरपरस्त की किन किन नेअमतों को न मानोगे | ||
55:65 فَبِأَىِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٥﴾ तो तुम दोनों अपने सरपरस्त की किन किन नेअमतों को न मानोगे | ||