Surat Al-Waaqia (The Inevitable) - الواقعة
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56:87 تَرْجِعُونَهَآ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ ﴿٨٧﴾ तो अगर (अपने दावे में) तुम सच्चे हो तो रूह को फेर क्यों नहीं देते | ||
56:87 تَرْجِعُونَهَآ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ ﴿٨٧﴾ तो अगर (अपने दावे में) तुम सच्चे हो तो रूह को फेर क्यों नहीं देते | ||