Surat Al-An'aam (The Cattle) - الأنعام
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6:115 وَتَمَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ صِدْقًا وَعَدْلًا لَّا مُبَدِّلَ لِكَلِمَٰتِهِۦ وَهُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلْعَلِيمُ ﴿١١٥﴾ तो तुम (कहीं) शक़ करने वालों से न हो जाना और सच्चाई और इन्साफ में तो तुम्हारे परवरदिगार की बात पूरी हो गई कोई उसकी बातों का बदलने वाला नहीं और वही बड़ा सुनने वाला वाक़िफकार है | ||