Surat Al-An'aam (The Cattle) - الأنعام
Home > > >
6:135 قُلْ يَٰقَوْمِ ٱعْمَلُوا۟ عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنِّى عَامِلٌ فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ مَن تَكُونُ لَهُۥ عَٰقِبَةُ ٱلدَّارِ إِنَّهُۥ لَا يُفْلِحُ ٱلظَّٰلِمُونَ ﴿١٣٥﴾ और तुम उसके लाने में (ख़ुदा को) आजिज़ नहीं कर सकते (ऐ रसूल तुम उनसे) कहो कि ऐ मेरी क़ौम तुम बजाए ख़ुद जो चाहो करो मैं (बजाए ख़ुद) अमल कर रहा हूँ फिर अनक़रीब तुम्हें मालूम हो जाएगा कि आख़ेरत (बेहश्त) किसके लिए है (तुम्हारे लिए या हमारे लिए) ज़ालिम लोग तो हरगिज़ कामयाब न होंगे | ||