Surat Al-An'aam (The Cattle) - الأنعام
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6:54 وَإِذَا جَآءَكَ ٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِـَٔايَٰتِنَا فَقُلْ سَلَٰمٌ عَلَيْكُمْ كَتَبَ رَبُّكُمْ عَلَىٰ نَفْسِهِ ٱلرَّحْمَةَ أَنَّهُۥ مَنْ عَمِلَ مِنكُمْ سُوٓءًۢا بِجَهَٰلَةٍ ثُمَّ تَابَ مِنۢ بَعْدِهِۦ وَأَصْلَحَ فَأَنَّهُۥ غَفُورٌ رَّحِيمٌ ﴿٥٤﴾ और जो लोग हमारी आयतों पर ईमान लाए हैं तुम्हारे पास ऑंए तो तुम सलामुन अलैकुम (तुम पर ख़ुदा की सलामती हो) कहो तुम्हारे परवरदिगार ने अपने ऊपर रहमत लाज़िम कर ली है बेशक तुम में से जो शख़्श नादानी से कोई गुनाह कर बैठे उसके बाद फिर तौबा करे और अपनी हालत की (असलाह करे ख़ुदा उसका गुनाह बख्श देगा क्योंकि) वह यक़ीनी बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है | ||