Surat Al-Munaafiqoon (The Hypocrites) - المنافقون
Home > > >
63:1 بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ إِذَا جَآءَكَ ٱلْمُنَٰفِقُونَ قَالُوا۟ نَشْهَدُ إِنَّكَ لَرَسُولُ ٱللَّهِ وَٱللَّهُ يَعْلَمُ إِنَّكَ لَرَسُولُهُۥ وَٱللَّهُ يَشْهَدُ إِنَّ ٱلْمُنَٰفِقِينَ لَكَٰذِبُونَ ﴿١﴾ (ऐ रसूल) जब तुम्हारे पास मुनाफेक़ीन आते हैं तो कहते हैं कि हम तो इक़रार करते हैं कि आप यक़नीन ख़ुदा के रसूल हैं और ख़ुदा भी जानता है तुम यक़ीनी उसके रसूल हो मगर ख़ुदा ज़ाहिर किए देता है कि ये लोग अपने (एतक़ाद के लिहाज़ से) ज़रूर झूठे हैं | ||