Surat At-Talaaq (Divorce) - الطلاق
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65:11 رَّسُولًا يَتْلُوا۟ عَلَيْكُمْ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ مُبَيِّنَٰتٍ لِّيُخْرِجَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّٰلِحَٰتِ مِنَ ٱلظُّلُمَٰتِ إِلَى ٱلنُّورِ وَمَن يُؤْمِنۢ بِٱللَّهِ وَيَعْمَلْ صَٰلِحًا يُدْخِلْهُ جَنَّٰتٍ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَٰرُ خَٰلِدِينَ فِيهَآ أَبَدًا قَدْ أَحْسَنَ ٱللَّهُ لَهُۥ رِزْقًا ﴿١١﴾ जो तुम्हारे सामने वाज़ेए आयतें पढ़ता है ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे उनको (कुफ़्र की) तारिक़ियों से ईमान की रौशनी की तरफ़ निकाल लाए और जो ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करे तो ख़ुदा उसको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा ने उनको अच्छी अच्छी रोज़ी दी है | ||