Surat At-Tahrim (The Prohibition) - التحريم
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66:2 قَدْ فَرَضَ ٱللَّهُ لَكُمْ تَحِلَّةَ أَيْمَٰنِكُمْ وَٱللَّهُ مَوْلَىٰكُمْ وَهُوَ ٱلْعَلِيمُ ٱلْحَكِيمُ ﴿٢﴾ ख़ुदा ने तुम लोगों के लिए क़समों को तोड़ डालने का कफ्फ़ार मुक़र्रर कर दिया है और ख़ुदा ही तुम्हारा कारसाज़ है और वही वाक़िफ़कार हिकमत वाला है | ||