Surat Al-Haaqqa (The Reality) - الحاقة
Home > > >
69:19 فَأَمَّا مَنْ أُوتِىَ كِتَٰبَهُۥ بِيَمِينِهِۦ فَيَقُولُ هَآؤُمُ ٱقْرَءُوا۟ كِتَٰبِيَهْ ﴿١٩﴾ إِنِّى ظَنَنتُ أَنِّى مُلَٰقٍ حِسَابِيَهْ﴿٢٠﴾ فَهُوَ فِى عِيشَةٍ رَّاضِيَةٍ﴿٢١﴾ فِى جَنَّةٍ عَالِيَةٍ﴿٢٢﴾ قُطُوفُهَا دَانِيَةٌ﴿٢٣﴾ كُلُوا۟ وَٱشْرَبُوا۟ هَنِيٓـًٔۢا بِمَآ أَسْلَفْتُمْ فِى ٱلْأَيَّامِ ٱلْخَالِيَةِ﴿٢٤﴾ وَأَمَّا مَنْ أُوتِىَ كِتَٰبَهُۥ بِشِمَالِهِۦ فَيَقُولُ يَٰلَيْتَنِى لَمْ أُوتَ كِتَٰبِيَهْ﴿٢٥﴾ وَلَمْ أَدْرِ مَا حِسَابِيَهْ﴿٢٦﴾ يَٰلَيْتَهَا كَانَتِ ٱلْقَاضِيَةَ﴿٢٧﴾ مَآ أَغْنَىٰ عَنِّى مَالِيَهْ﴿٢٨﴾ तो जिसको (उसका नामए आमाल) दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो वह (लोगो से) कहेगा लीजिए मेरा नामए आमाल पढ़िए तो मैं तो जानता था कि मुझे मेरा हिसाब (किताब) ज़रूर मिलेगा फिर वह दिल पसन्द ऐश में होगा बड़े आलीशान बाग़ में जिनके फल बहुत झुके हुए क़रीब होंगे जो कारगुज़ारियाँ तुम गुज़िशता अय्याम में करके आगे भेज चुके हो उसके सिले में मज़े से खाओ पियो और जिसका नामए आमाल उनके बाएँ हाथ में दिया जाएगा तो वह कहेगा ऐ काश मुझे मेरा नामए अमल न दिया जाता और मुझे न मालूल होता कि मेरा हिसाब क्या है ऐ काश मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता (अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया | ||