Surat Al-A'raaf (The Heights) - الأعراف
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7:109 قَالَ ٱلْمَلَأُ مِن قَوْمِ فِرْعَوْنَ إِنَّ هَٰذَا لَسَٰحِرٌ عَلِيمٌ ﴿١٠٩﴾ يُرِيدُ أَن يُخْرِجَكُم مِّنْ أَرْضِكُمْ فَمَاذَا تَأْمُرُونَ﴿١١٠﴾ قَالُوٓا۟ أَرْجِهْ وَأَخَاهُ وَأَرْسِلْ فِى ٱلْمَدَآئِنِ حَٰشِرِينَ﴿١١١﴾ يَأْتُوكَ بِكُلِّ سَٰحِرٍ عَلِيمٍ﴿١١٢﴾ وَجَآءَ ٱلسَّحَرَةُ فِرْعَوْنَ قَالُوٓا۟ إِنَّ لَنَا لَأَجْرًا إِن كُنَّا نَحْنُ ٱلْغَٰلِبِينَ﴿١١٣﴾ قَالَ نَعَمْ وَإِنَّكُمْ لَمِنَ ٱلْمُقَرَّبِينَ﴿١١٤﴾ قَالُوا۟ يَٰمُوسَىٰٓ إِمَّآ أَن تُلْقِىَ وَإِمَّآ أَن نَّكُونَ نَحْنُ ٱلْمُلْقِينَ﴿١١٥﴾ قَالَ أَلْقُوا۟ فَلَمَّآ أَلْقَوْا۟ سَحَرُوٓا۟ أَعْيُنَ ٱلنَّاسِ وَٱسْتَرْهَبُوهُمْ وَجَآءُو بِسِحْرٍ عَظِيمٍ﴿١١٦﴾ وَأَوْحَيْنَآ إِلَىٰ مُوسَىٰٓ أَنْ أَلْقِ عَصَاكَ فَإِذَا هِىَ تَلْقَفُ مَا يَأْفِكُونَ﴿١١٧﴾ فَوَقَعَ ٱلْحَقُّ وَبَطَلَ مَا كَانُوا۟ يَعْمَلُونَ﴿١١٨﴾ तब फिरऔन के क़ौम के चन्द सरदारों ने कहा ये तो अलबत्ता बड़ा माहिर जादूगर है ये चाहता है कि तुम्हें तुम्हारें मुल्क से निकाल बाहर कर दे तो अब तुम लोग उसके बारे में क्या सलाह देते हो (आख़िर) सबने मुत्तफिक़ अलफाज़ (एक ज़बान होकर) कहा कि (ऐ फिरऔन) उनको और उनके भाई (हारून) को चन्द दिन कैद में रखिए और (एतराफ़ के) शहरों में हरकारों को भेजिए कि तमाम बड़े बड़े जादूगरों का जमा करके अपके पास दरबार में हाज़िर करें ग़रज़ जादूगर सब फिरऔन के पास हाज़िर होकर कहने लगे कि अगर हम (मूसा से) जीत जाएं तो हमको बड़ा भारी इनाम ज़रुर मिलना चाहिए फिरऔन ने कहा (हॉ इनाम ही नहीं) बल्कि फिर तो तुम हमारे दरबार के मुक़र्रेबीन में से होगें और मुक़र्रर वक्त पर सब जमा हुए तो बोल उठे कि ऐ मूसा या तो तुम्हें (अपने मुन्तसिर (मंत्र)) या हम ही (अपने अपने मंत्र फेके) मूसा ने कहा (अच्छा पहले) तुम ही फेक (के अपना हौसला निकालो) तो तब जो ही उन लोगों ने (अपनी रस्सियाँ) डाली तो लोगों की नज़र बन्दी कर दी (कि सब सापँ मालूम होने लगे) और लोगों को डरा दिया और उन लोगों ने बड़ा (भारी जादू दिखा दिया और हमने मूसा के पास वही भेजी कि (बैठे क्या हो) तुम भी अपनी छड़ी डाल दो तो क्या देखते हैं कि वह छड़ी उनके बनाए हुए (झूठे साँपों को) एक एक करके निगल रही है अल किस्सा हक़ बात तो जम के बैठी और उनकी सारी कारस्तानी मटियामेट हो गई | ||