Surat Al-A'raaf (The Heights) - الأعراف
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7:66 قَالَ ٱلْمَلَأُ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ مِن قَوْمِهِۦٓ إِنَّا لَنَرَىٰكَ فِى سَفَاهَةٍ وَإِنَّا لَنَظُنُّكَ مِنَ ٱلْكَٰذِبِينَ ﴿٦٦﴾ قَالَ يَٰقَوْمِ لَيْسَ بِى سَفَاهَةٌ وَلَٰكِنِّى رَسُولٌ مِّن رَّبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ﴿٦٧﴾ (तो) उनकी क़ौम के चन्द सरदार जो काफिर थे कहने लगे हम तो बेशक तुमको हिमाक़त में (मुब्तिला) देखते हैं और हम यक़ीनी तुम को झूठा समझते हैं हूद ने कहा ऐ मेरी क़ौम मुझमें में तो हिमाक़त की कोई बात नहीं बल्कि मैं तो परवरदिगार आलम का रसूल हूँ | ||