Surat Al-Jinn (The Jinn) - الجن
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72:11 وَأَنَّا مِنَّا ٱلصَّٰلِحُونَ وَمِنَّا دُونَ ذَٰلِكَ كُنَّا طَرَآئِقَ قِدَدًا ﴿١١﴾ وَأَنَّا ظَنَنَّآ أَن لَّن نُّعْجِزَ ٱللَّهَ فِى ٱلْأَرْضِ وَلَن نُّعْجِزَهُۥ هَرَبًا﴿١٢﴾ وَأَنَّا لَمَّا سَمِعْنَا ٱلْهُدَىٰٓ ءَامَنَّا بِهِۦ فَمَن يُؤْمِنۢ بِرَبِّهِۦ فَلَا يَخَافُ بَخْسًا وَلَا رَهَقًا﴿١٣﴾ وَأَنَّا مِنَّا ٱلْمُسْلِمُونَ وَمِنَّا ٱلْقَٰسِطُونَ فَمَنْ أَسْلَمَ فَأُو۟لَٰٓئِكَ تَحَرَّوْا۟ رَشَدًا﴿١٤﴾ وَأَمَّا ٱلْقَٰسِطُونَ فَكَانُوا۟ لِجَهَنَّمَ حَطَبًا﴿١٥﴾ और ये कि हममें से कुछ लोग तो नेकोकार हैं और कुछ लोग और तरह के हम लोगों के भी तो कई तरह के फिरकें हैं और ये कि हम समझते थे कि हम ज़मीन में (रह कर) ख़ुदा को हरगिज़ हरा नहीं सकते हैं और न भाग कर उसको आजिज़ कर सकते हैं और ये कि जब हमने हिदायत (की किताब) सुनी तो उन पर ईमान लाए तो जो शख़्श अपने परवरदिगार पर ईमान लाएगा तो उसको न नुक़सान का ख़ौफ़ है और न ज़ुल्म का और ये कि हम में से कुछ लोग तो फ़रमाबरदार हैं और कुछ लोग नाफ़रमान तो जो लोग फ़रमाबरदार हैं तो वह सीधे रास्ते पर चलें और रहें नाफरमान तो वह जहन्नुम के कुन्दे बने | ||