Surat An-Naazi'aat (Those who drag forth) - النازعات
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79:2 وَٱلنَّٰشِطَٰتِ نَشْطًا ﴿٢﴾ وَٱلسَّٰبِحَٰتِ سَبْحًا﴿٣﴾ فَٱلسَّٰبِقَٰتِ سَبْقًا﴿٤﴾ जो (कुफ्फ़ार की रूह) डूब कर सख्ती से खींच लेते हैं और उनकी क़सम जो (मोमिनीन की जान) आसानी से खोल देते हैं और उनकी क़सम जो (आसमान ज़मीन के दरमियान) पैरते फिरते हैं | ||