Surat Al-Anfaal (The Spoils of War) - الأنفال
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8:1 بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ يَسْـَٔلُونَكَ عَنِ ٱلْأَنفَالِ قُلِ ٱلْأَنفَالُ لِلَّهِ وَٱلرَّسُولِ فَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ وَأَصْلِحُوا۟ ذَاتَ بَيْنِكُمْ وَأَطِيعُوا۟ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥٓ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ ﴿١﴾ (ऐ रसूल) तुम से लोग अनफाल (माले ग़नीमत) के बारे में पूछा करते हैं तुम कह दो कि अनफाल मख़सूस ख़ुदा और रसूल के वास्ते है तो ख़ुदा से डरो (और) अपने बाहमी (आपसी) मामलात की इसलाह करो और अगर तुम सच्चे (ईमानदार) हो तो ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो | ||