Surat Al-Inshiqaaq (The Splitting Open) - الإنشقاق
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84:7 فَأَمَّا مَنْ أُوتِىَ كِتَٰبَهُۥ بِيَمِينِهِۦ ﴿٧﴾ فَسَوْفَ يُحَاسَبُ حِسَابًا يَسِيرًا﴿٨﴾ وَيَنقَلِبُ إِلَىٰٓ أَهْلِهِۦ مَسْرُورًا﴿٩﴾ तो तू (एक न एक दिन) उसके सामने हाज़िर होगा फिर (उस दिन) जिसका नामाए आमाल उसके दाहिने हाथ में दिया जाएगा उससे तो हिसाब आसान तरीके से लिया जाएगा और (फिर) वह अपने (मोमिनीन के) क़बीले की तरफ ख़ुश ख़ुश पलटेगा | ||