Surat At-Taariq (The Morning Star) - الطارق
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86:4 إِن كُلُّ نَفْسٍ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌ ﴿٤﴾ (इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं | ||
86:4 إِن كُلُّ نَفْسٍ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌ ﴿٤﴾ (इस बात की क़सम) कि कोई शख़्श ऐसा नहीं जिस पर निगेहबान मुक़र्रर नहीं | ||