Surat Al-Fajr (The Dawn) - الفجر
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89:27 يَٰٓأَيَّتُهَا ٱلنَّفْسُ ٱلْمُطْمَئِنَّةُ ﴿٢٧﴾ ٱرْجِعِىٓ إِلَىٰ رَبِّكِ رَاضِيَةً مَّرْضِيَّةً﴿٢٨﴾ فَٱدْخُلِى فِى عِبَٰدِى﴿٢٩﴾ وَٱدْخُلِى جَنَّتِى﴿٣٠﴾ (और कुछ लोगों से कहेगा) ऐ इत्मेनान पाने वाली जान अपने परवरदिगार की तरफ़ चल तू उससे ख़ुश वह तुझ से राज़ी तो मेरे (ख़ास) बन्दों में शामिल हो जा और मेरे बेहिश्त में दाख़िल हो जा | ||