Surat At-Tawba (The Repentance) - التوبة
Home > > >
9:1 بَرَآءَةٌ مِّنَ ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦٓ إِلَى ٱلَّذِينَ عَٰهَدتُّم مِّنَ ٱلْمُشْرِكِينَ ﴿١﴾ فَسِيحُوا۟ فِى ٱلْأَرْضِ أَرْبَعَةَ أَشْهُرٍ وَٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّكُمْ غَيْرُ مُعْجِزِى ٱللَّهِ وَأَنَّ ٱللَّهَ مُخْزِى ٱلْكَٰفِرِينَ﴿٢﴾ وَأَذَٰنٌ مِّنَ ٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦٓ إِلَى ٱلنَّاسِ يَوْمَ ٱلْحَجِّ ٱلْأَكْبَرِ أَنَّ ٱللَّهَ بَرِىٓءٌ مِّنَ ٱلْمُشْرِكِينَ وَرَسُولُهُۥ فَإِن تُبْتُمْ فَهُوَ خَيْرٌ لَّكُمْ وَإِن تَوَلَّيْتُمْ فَٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّكُمْ غَيْرُ مُعْجِزِى ٱللَّهِ وَبَشِّرِ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ﴿٣﴾ (ऐ मुसलमानों) जिन मुशरिकों से तुम लोगों ने सुलह का एहद किया था अब ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ से उनसे (एक दम) बेज़ारी है तो (ऐ मुशरिकों) बस तुम चार महीने (ज़ीकादा, जिल हिज्जा, मुहर्रम रजब) तो (चैन से बेख़तर) रूए ज़मीन में सैरो सियाहत (घूम फिर) कर लो और ये समझते रहे कि तुम (किसी तरह) ख़ुदा को आजिज़ नहीं कर सकते और ये भी कि ख़ुदा काफ़िरों को ज़रूर रूसवा करके रहेगा और ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ से हज अकबर के दिन (तुम) लोगों को मुनादी की जाती है कि ख़ुदा और उसका रसूल मुशरिकों से बेज़ार (और अलग) है तो (मुशरिकों) अगर तुम लोगों ने (अब भी) तौबा की तो तुम्हारे हक़ में यही बेहतर है और अगर तुम लोगों ने (इससे भी) मुंह मोड़ा तो समझ लो कि तुम लोग ख़ुदा को हरगिज़ आजिज़ नहीं कर सकते और जिन लोगों ने कुफ्र इख्तेयार किया उनको दर्दनाक अज़ाब की ख़ुश ख़बरी दे दो | ||