Surat At-Tawba (The Repentance) - التوبة
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9:38 يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ مَا لَكُمْ إِذَا قِيلَ لَكُمُ ٱنفِرُوا۟ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ ٱثَّاقَلْتُمْ إِلَى ٱلْأَرْضِ أَرَضِيتُم بِٱلْحَيَوٰةِ ٱلدُّنْيَا مِنَ ٱلْءَاخِرَةِ فَمَا مَتَٰعُ ٱلْحَيَوٰةِ ٱلدُّنْيَا فِى ٱلْءَاخِرَةِ إِلَّا قَلِيلٌ ﴿٣٨﴾ ऐ ईमानदारों तुम्हें क्या हो गया है कि जब तुमसे कहा जाता है कि ख़ुदा की राह में (जिहाद के लिए) निकलो तो तुम लदधड़ (ढीले) हो कर ज़मीन की तरफ झुके पड़ते हो क्या तुम आख़िरत के बनिस्बत दुनिया की (चन्द रोज़ा) जिन्दगी को पसन्द करते थे तो (समझ लो कि) दुनिया की ज़िन्दगी का साज़ो सामान (आख़िर के) ऐश व आराम के मुक़ाबले में बहुत ही थोड़ा है | ||