Surat Al-Lail (The Night) - الليل
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92:18 ٱلَّذِى يُؤْتِى مَالَهُۥ يَتَزَكَّىٰ ﴿١٨﴾ وَمَا لِأَحَدٍ عِندَهُۥ مِن نِّعْمَةٍ تُجْزَىٰٓ﴿١٩﴾ जो अपना माल (ख़ुदा की राह) में देता है ताकि पाक हो जाए और लुत्फ ये है कि किसी का उस पर कोई एहसान नहीं जिसका उसे बदला दिया जाता है | ||