Surat Al-Alaq (The Clot) - العلق
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96:1 بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ ٱقْرَأْ بِٱسْمِ رَبِّكَ ٱلَّذِى خَلَقَ ﴿١﴾ خَلَقَ ٱلْإِنسَٰنَ مِنْ عَلَقٍ﴿٢﴾ ٱقْرَأْ وَرَبُّكَ ٱلْأَكْرَمُ﴿٣﴾ ٱلَّذِى عَلَّمَ بِٱلْقَلَمِ﴿٤﴾ عَلَّمَ ٱلْإِنسَٰنَ مَا لَمْ يَعْلَمْ﴿٥﴾ (ऐ रसूल) अपने परवरदिगार का नाम लेकर पढ़ो जिसने हर (चीज़ को) पैदा किया उस ने इन्सान को जमे हुए ख़ून से पैदा किया पढ़ो और तुम्हारा परवरदिगार बड़ा क़रीम है जिसने क़लम के ज़रिए तालीम दी उसीने इन्सान को वह बातें बतायीं जिनको वह कुछ जानता ही न था | ||