Surat Taa-Haa (Taa-Haa) - طه
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20:25 قَالَ رَبِّ ٱشْرَحْ لِى صَدْرِى ﴿٢٥﴾ وَيَسِّرْ لِىٓ أَمْرِى﴿٢٦﴾ وَٱحْلُلْ عُقْدَةً مِّن لِّسَانِى﴿٢٧﴾ يَفْقَهُوا۟ قَوْلِى﴿٢٨﴾ وَٱجْعَل لِّى وَزِيرًا مِّنْ أَهْلِى﴿٢٩﴾ هَٰرُونَ أَخِى﴿٣٠﴾ ٱشْدُدْ بِهِۦٓ أَزْرِى﴿٣١﴾ وَأَشْرِكْهُ فِىٓ أَمْرِى﴿٣٢﴾ كَىْ نُسَبِّحَكَ كَثِيرًا﴿٣٣﴾ وَنَذْكُرَكَ كَثِيرًا﴿٣٤﴾ إِنَّكَ كُنتَ بِنَا بَصِيرًا﴿٣٥﴾ मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार (मैं जाता तो हूँ) मगर तू मेरे लिए मेरे सीने को कुशादा फरमा और दिलेर बना और मेरा काम मेरे लिए आसान कर दे और मेरी ज़बान से लुक़नत की गिरह खोल दे ताकि लोग मेरी बात अच्छी तरह समझें और मेरे कीनेवालों में से मेरे भाई हारून को मेरा वज़ीर बोझ बटाने वाला बना दे उसके ज़रिए से मेरी पुश्त मज़बूत कर दे और मेरे काम में उसको मेरा शरीक बना ताकि हम दोनों (मिलकर) कसरत से तेरी तसबीह करें और कसरत से तेरी याद करें तू तो हमारी हालत देख ही रहा है | ||