Surat Ash-Shu'araa (The Poets) - الشعراء
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26:51 إِنَّا نَطْمَعُ أَن يَغْفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَٰيَٰنَآ أَن كُنَّآ أَوَّلَ ٱلْمُؤْمِنِينَ ﴿٥١﴾ وَأَوْحَيْنَآ إِلَىٰ مُوسَىٰٓ أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِىٓ إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ﴿٥٢﴾ فَأَرْسَلَ فِرْعَوْنُ فِى ٱلْمَدَآئِنِ حَٰشِرِينَ﴿٥٣﴾ إِنَّ هَٰٓؤُلَآءِ لَشِرْذِمَةٌ قَلِيلُونَ﴿٥٤﴾ وَإِنَّهُمْ لَنَا لَغَآئِظُونَ﴿٥٥﴾ وَإِنَّا لَجَمِيعٌ حَٰذِرُونَ﴿٥٦﴾ فَأَخْرَجْنَٰهُم مِّن جَنَّٰتٍ وَعُيُونٍ﴿٥٧﴾ وَكُنُوزٍ وَمَقَامٍ كَرِيمٍ﴿٥٨﴾ كَذَٰلِكَ وَأَوْرَثْنَٰهَا بَنِىٓ إِسْرَٰٓءِيلَ﴿٥٩﴾ فَأَتْبَعُوهُم مُّشْرِقِينَ﴿٦٠﴾ हम चँकि सबसे पहले ईमान लाए है इसलिए ये उम्मीद रखते हैं कि हमारा परवरदिगार हमारी ख़ताएँ माफ कर देगा और हमने मूसा के पास वही भेजी कि तुम मेरे बन्दों को लेकर रातों रात निकल जाओ क्योंकि तुम्हारा पीछा किया जाएगा तब फिरऔन ने (लश्कर जमा करने के ख्याल से) तमाम शहरों में (धड़ा धड़) हरकारे रवाना किए (और कहा) कि ये लोग मूसा के साथ बनी इसराइल थोड़ी सी (मुट्ठी भर की) जमाअत हैं और उन लोगों ने हमें सख्त गुस्सा दिलाया है और हम सबके सब बा साज़ों सामान हैं (तुम भी आ जाओ कि सब मिलकर ताअककुब (पीछा) करें) ग़रज़ हमने इन लोगों को (मिस्र के) बाग़ों और चश्मों और खज़ानों और इज्ज़त की जगह से (यूँ) निकाल बाहर किया (और जो नाफरमानी करे) इसी तरह सज़ा होगी और आख़िर हमने उन्हीं चीज़ों का मालिक बनी इसराइल को बनाया ग़रज़ (मूसा) तो रात ही को चले गए | ||